पश्चिम की नज़र से




सर डब्ल्यू हण्टर,(23 May 1718 - 30 March 1783) , ब्रिटेन के प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक एवं शरीरविद


प्राचीन भारत के शल्य चिकित्सक अत्यंत उन्नत एवम कुशल थे। शल्यचिकित्सा के एक विशेष शाखा अंग प्रत्यारोपण और प्लास्टिक सर्जरी के लिए थी, जिसे यूरोप के शल्य चिकित्सकों ने अभी अभी सीखा है।






श्री विलियम जेम्स ,(January 11, 1842 - August 26, 1910), अमरीकी दार्शनिक एवम चिकित्सक


वेदों से हमने गृह निर्माण, संगीत , चिकित्सा , कला आदि अनेक विधायें सीखी है। वे मानव जीवन के हर पहलु का, कला संस्कृति , धर्म , विज्ञान, नीतिशास्त्र, कानून शास्त्र , अर्थशास्त्र, खगोल विज्ञान, द्रव्य विज्ञान आदि अनेक विद्याओं के विश्वकोष है।  


संस्कृत भाषा चाहे इतनी ही प्राचीन क्यों न हो, ग्रीक भाषा से अधिक उत्तम , लेटिन से अधिक समृद्ध तथा अन्य किसी भी भाषा से अधिक नज़ाकत और शुद्धता से भरी है।
 


श्रीमान मैक्स मूलर , (December 6, 1823 - October 28, 1900), विश्व प्रसिद्ध जर्मन विद्वान्


सम्पूर्ण विश्व में उपनिषदों के सामान रोमांचक, प्रेरणास्पद और चौकाने वाली कोई दूसरी पुस्तक नहीं है।





श्रीमान आर्थर शॉपेनहॉवर (22 February 1788 - 21 September 1860), विख्यात जर्मन दार्शनिक


वेद इस विश्व में हो सकने वाले सबसे महान और प्रेरणादायी ज्ञान है ।





श्रीमान पॉल डासन (January 7, 1845 - July 6, 1919) - प्रसिद्ध जर्मन प्राच्य विद्वान्


एक वैज्ञानिक मस्तिष्क से होइ कोई भी खोज हो , उपनिषदों में प्रचारित सनातन सत्य से विरोधी नहीं हो सकती। उपनिषदों में जीवन की प्रयेक समस्या का समाधान दिया है। उन्होंने हमें सत्य के अन्तरंग तत्व से परिचित करवाया है।







श्रीमान एमोरी द रीइंकॉर्ट ,(12 June 1918 - 13 Jan 2005) , फ़्रांसिसी विद्वान्


हिन्दुधर्म एक जीवन पद्धति है जहॉं प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर की ऊँचाई तक पहुचाया जाता है।








डॉ. अरनॉल्ड टॉयनबी , (14 April 1889 - 22 October 1975),  ब्रिटिश इतिहासकार


और अब हम भारत की और देखते है। एक आध्यात्मिक तत्व जो एक आदमी को इंसान बनाता है आज भी भारतीय मनों में जिन्दा है। सारे विश्व को हिंदुस्तान के बारे में बताते जाइये, मनुष्य को विनाश की तरफ जाने से इससे अधिक और कोई चीज़ नहीं बचा सकती।




सर जॉन वुडरूफ, (1865-1936) ब्रिटिश प्राच्यविद


भारतीय वैदिक प्रणाली की परीक्षा करने पर वह पश्चिम के किसी भी वैज्ञानिक और दार्शनिक विचारों से अत्यधिक उन्नत और सुसंगतिपूर्ण सिध्द होती है।




प्रोफ. आर्थर होम्स , ब्रिटिश भूगर्भशास्त्री  (14 January 1890 - 20 September 1965),

विज्ञान के द्वारा धरती के आयु के बारे में वेज्ञानिको से सोचने के हज़ारो वर्षों पहले , हिन्दुओं के धर्मग्रंथो में धरती के जन्म को लेकर आश्चर्यजनक जानकारियाँ है ।