ईश्वर की कृपा से वेद जब लिखे गये तो कॉपीराइट का ख़याल ऋषियों को नहीं आया।वेदों के महान भाष्यकार जैसे आदि शंकराचार्य, महर्षि अरविन्द, सायण , वेदव्यास, महर्षि दयानन्द और पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जैसे महान तत्त्ववेत्ताओं ने भी अपने भाष्यों को इस बीमारी से मुक्त ही रखा।
उन्ही का अनुसरण करते हुए मैं भी यह घोषणा करता हूँ की इस ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्री इन्ही जैसे अनेकों महापुरुषों के प्रवचनों, लेखों और भाष्यों पर आधारित है जिसे मैने सरल जनता की भाषा या हिग्लिश में रखने का प्रयास भर किया है।
इस ब्लॉग पर उपलब्ध समस्त सामग्री व्यावसायिक लाभ के उद्देश्य को छोड़कर अन्य सभी उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है ।