Wear the garland of Vedic Hymns. मनुष्य पहने वेद मंत्रो की माला

  • मनुष्य पहने वेद मंत्रो की माला

बेटा! एक माला होती है और माला में भिन्न-भिन्न प्रकार के मनके होते हैं और उनका एक सूत्र होता है तो धागे का, और सूत्र का समन्वय होने से वह माला कहलाती हैँ इसी प्रकार प्रत्येक वेद का मन्त्र एक मनके की तरह दृढ़ है और उसमें ज्ञान और विज्ञान है ब्रह्मसूत्र से प्रत्येक वेद मन्त्र पिरोया हुआ है तो वो माला की तरह दृढ़ कहलाता है।

जो उस माला को धारण कर लेता है, जो मानव उसको कण्ठ में सजातीय बना लेता है वो मेघावी कहलाता है, वह ओजस्वी कहलाता है, और जो उसमें परमाणुवाद, विद्या विद्यमान है, अणु और परमाणुवाद को जानने वाला वैज्ञानिक बन जाता है। और जो इस परमाणु के रहस्यों को जान करके इनका साकल्य बना करके अपने को ब्रम्हवर्चसी बना लेता है अपने ब्रह्म में संलग्न हो जाता है तो देखो, वो ब्रम्ह को प्राप्त हो जाता है।

हमें ये विचारना है कि हमारा वेद-मन्त्र हमें किस मार्ग के लिये प्रेरणा दे रहा है। क्योंकि प्रत्येक प्राणी जो संसार में प्रेरणा का अभीप्सु है वो प्रेरणा पाता रहता है, अपने को महान बनाता रहता है। परम्परा से ये सिद्धान्त हमारे यहाँ चला आ रहा है।  

  • महर्षि कृष्णदत्त जी के प्रवचनों से साभार